खरपतवार परिचय (weed introduction)

  आज हम आपको खरपतवार के बारे में अध्ययन कराएंगे जिसमें खरपतवार की परिभाषा, विशेषताएं, और उन से फसलों क्या हानियां हैं और खरपतवारों का क्या क्या उपाय है खरपतवारों के बारे में वर्गीकरण।  खरपतवार कम करने के लिए, वानस्पतिक नाम है वह इस से रोकने के उपाय के बारे में संपूर्णअध्ययन करेंगे। 

खरपतवार - बे पौधे जो किसी स्थान पर बिना वोये उग जाते हैं, जो फसलों के लिए हानिकारक होते हैं उन्हें खरपतवार कहते हैं। 

                        अथवा 

ऐसे अवांछित पौधे की जातियां जो उस स्थान पर मैं उस समय होती है जहां वे उपयोगी नहीं होती हैं उन्हें खरपतवार कहते हैं। 





 खरपतवारों की विशेषताएं - 

1 इनकी जड़ें बहुत गहराई तक जाती हैं। 

2 इनके बीजों की होने की क्षमता बहुत लंबे समय तक रहती है। 

3 खरपतवार बहुत तेजी से बढ़ते हैं। 

4 ज्यादातर खरपतवारों के बीज व फलों पर उपांग पाए जाते हैं। 

5  खरपतवार के बीज फसल के साथ-साथ पकते हैं।  

6 कहीं खरपतवारों पर चिप-चिपे पदार्थ, बाल, कांटे आदि होते हैं। 

7 फसल के पौधों की अपेक्षा बहुत अधिक मात्रा में बीज उत्पन्न करते हैं। 

8 फसलों की अपेक्षा रोग, बीमारियों में प्रतिकूल दशाओं के प्रति अधिक प्रतिरोध होते हैं।  

खरपतवारों से हानियां -

1 खरपतवार रोगों तथा कीटों को शरण देते हैं। 

2 खरपतवारों द्वारा भूमि के मूल्य में कमी हो जाती है। 

3 खरपतवार ओं से आर्थिक  स्थिति पर प्रभाव पड़ता है। 

4 खरपतवार अधिक होने पर कृषि यंत्रों व मजदूरों पर व्यय करना पड़ता है। 

5 फसलों की उपज में कमी आती है। 

6 फसलों की गुणों में कमी आती है जैसे सत्यानाशी के बीज सरसों की फसल में मिल जाने से दुर्गंध पैदा होती है। 

7 खरपतवारों द्वारा जलीय पौधों में अवरोधन उत्पन्न हो जाता है।

8 पशुधन उत्पादों की गुणवत्ता में कमी हो जाती है जैसे पशुओं द्वारा जंगली, प्याज लहसुन खाने पर उनकी दूध में दुर्गंध आती है।  

खरपतवारों का वर्गीकरण -

1 जीवन चक्र के आधार पर- 

(a) 1 वर्षीय खरपतवार - 

 खरीफ - पत्थरचट्टा, जंगली, चौलाई लटजीरा,

रबी - कृष्णनील, गुल्ली डंडा, बथुआ, प्याजी

( b) द्विवर्षीय खरपतवार - जंगली गाजर, जंगली गोभी 

(c) बहुवर्षीय खरपतवार  - अमरबेल, हिरनखुरी, दूब घास, झरबेरी कांस 

2 बीज पत्रों के आधार पर - 

A द्विबीज पत्री - बथुआ, लटजीरा, सत्यानाशी, हिरनखुरी, जंगली चौलाई, कृष्ण नील

B एक बीज पत्री - मोथा, दूबघास, मकरा, कांस आदि

3 सापेक्ष स्थिति के  आधार पर - 

a निरपेक्ष - बथुआ, सत्यानाशी,  कृष्णनील, गेहूंसा या गुल्ली डंडा

b सापेक्ष - गेहूं में चना उगना चने में सरसों उगना 

c अवांछित - विशेष शुष्क जलवायु वाले कासनी 

4 पत्तियों की बनावट के आधार पर - 

A चौड़ी पत्ती वाले खरपतवार - बथुआ, हिरनखुरी कृष्ण नील, जंगली चौलाई, पत्थरचट्टा

B सकरी पत्ती वाले खरपतवार - मोथा, दूब घास, कांस

5 प्रजनन विधियों के आधार पर - 

a बीज द्वारा - बथुआ, जंगली गाजर,  प्याजी, कृष्ण नील 

b बीज व वनस्पति भाग  द्वारा - मोथा, दूब घास, बरु, 

c वानस्पतिक भाग द्वारा - हिरनखुरी (जड़), मोथा (कंद), दूब  घास (सकर), कांस (राइजोम)


6 मृदा और जल वायु के आधार पर - 

अ जल मग्न - जलकुंभी, हाइड्रिला, 

ब  रेगिस्तानी - नागफनी, बबूल, झरवेरी

स कृषि क्षेत्रों वाले  - बथुआ, हिरणखुरी, जंगली चौलाई 



खरपतवार रोकने के उपाय - 

खरपतवारों की रोकथाम के लिए मुख्यत तीन तरह के उपाय काम में ली जाती हैं। 

(अ) निरोधात्मक उपाय - खरपतवारों का नये क्षेत्रों में वितरण व विस्तार रुकने को ही खरपतवार प्रतिबंध कहलाता है। खरपतवार का विस्तार रोकने के लिए शुद्ध बीज  होना चाहिए बीज अधिनियम की पालना की जानी चाहिए जिसके अनुसार फसल के बीजों में 0.1 प्रतिशत से अधिक खरपतवार के बीज नहीं होने चाहिए 

(ब) खरपतवारों का उन्मूलन - किसी क्षेत्र विशेष में खरपतवार को पूरी तरह नष्ट करना खरपतवार उन्मूलन कहलाता है।  

(स) खरपतवारों का नियंत्रण - खरपतवार ओं के नियंत्रण के निम्न तीन तरह के उपाय हैं जो इस प्रकार हैं- 

1 यांत्रिक विधियां - इसके अंतर्गत निम्नलिखित विधियां हैं -      

भू परिष्करण द्वारा

हाथ से उखाड़ना

हाथ से निराई गुड़ाई करके

जल प्लावन का खेत में पानी भरकर

2 रासायनिक विधियां - बे रसायन जिनको खरपतवार नष्ट करने के काम में लेते हैं उन्हें शाकनाशी कहते हैं शाकनाशी को दो भागों में बांटा गया है - 

वर्णनात्मक शाकनाशी - यह शाकनाशी से किसी विशेष जाति के पौधों को ही नष्ट करते हैं अन्य पोधो को कोई हानि नहीं पहुंचाते हैं इसी कारण इसका उपयोग खडी फसलों में किया जाता है। उदाहरण - गेहूं की फसल में 2-4-D  चौड़ी पत्ती वाले खरपतवारों को नष्ट कर देता है 

  अवर्णात्मक शाकनाशी - इनका प्रभाव सभी फसलों पर एक समान पड़ता है अतः इन्हें खड़ी फसल में प्रयोग नहीं करते इनका उपयोग जैसे बंजर भूमि, औद्योगिक परिसरों, सड़क व नहर किनारे बहू वर्षीय खरपतवारों को नष्ट करने के लिए किया जाता है। 

 मृदा सक्रिय एवं पत्र सक्रिय शाकनाशी -                

मृदा सक्रिय शाकनाशी - सीमाजिन, एस्ट्राजिन 

पत्र सक्रिय शाकनाशी - 2-4-डी, पैराक्वाट, डाइक्वाट 

 संपर्क शाकनाशी व स्थानांतरित शाकनाशी - 

संपर्क शाकनाशी - इस प्रकार के शाकनाशी रसायन पौधे के उसी भाग पर अपना प्रभाव छोड़ते हैं जो भाग उनके संपर्क में आता है उदाहरण- पैराक्वाट, डाइक्वाट

स्थानांतरित शाकनाशी - इन शाकनाशियो का प्रयोग पौधे के किसी भी भाग पर किया जाए जाए तो प्रत्येक अंग में पहला कर अपना प्रभाव छोड़ते हैं पत्तियों  पर छिड़कने से प्रभाव जड़ों तक होता है। उदाहरण - 2-4 डी  ,2-4-5-टी

मृदा जीवाणु नाशक एवं मृदा धूमर धूमक- 

मृदा जीवाणुनाशक - यह मृदा में वनस्पति के साथ साथ सभी जीवाणुओं को नष्ट करते हैं

उदाहरण - डाइयूरांन,‌ सीमाजीन,  

मृदा धूमक -  इन शाकनाशीयो की गैस या वाष्प मृदा में फैलाकर वनस्पति को नष्ट करते हैं। उदाहरण- क्लोरोपिकरिक, कार्बन डाइ सल्फाइड 

3 जैविक विधियां - इन विधियों से खरपतवारों  को पूर्ण रूप से नष्ट करके नहीं बल्कि उनकी संख्या को कम करना होता है। यह एक स्थाई विधि है प्रत्येक वर्ष इसका प्रयोग करने की आवश्यकता नहीं है। 

प्रमुख खरपतवार का नाम और वानस्पतिक नाम      

क्षेत्रीय नाम       ––       वानस्पतिक नाम

1 बथुआ                        चीनोपोडियम एल्बम 

2 कासनी                        सीचोरियम इन्टाइबम

3 लेहसुआ                     डाइजेरा आरवेंसिस

4 बड़ी दूधी                     यूफोरबिया हिरटा 

5 छोटी दूधी                     यूफोरबिया मेक्रोफाइला

6 गेंहुसा                           फेलेरिस माइनर

7 सत्यानाशी                    आरजिमोन मैक्सिकाना

8 कृष्णनील                      एनागेलिस  आरवेंसिस 

9 जंगली जई                     एवेना फेटुवा

10 दूब घास                      साइनोडोन डेक्टाइलोन 

11 कांस                           सैकेरम स्फोन्टेनियम

12 बिच्छु                         जेन्थियम स्टुमेरियम 

13 झड़बेरी                      जिजिफस रोटन्डिफोलिया

14 मोथा                         साइपेरस रोटंडस 

15 अमरबेल                    कस्कुटा रिफ्लेक्सा

16 हिरनखुरी                   कनवोलवुलस आरवेंसिस 

17 जंगली गाजर              डांकस केरोटा 

18 गोखरू                       ट्राईबुलस टेरेस्ट्रिस 

19 लटजीरा                     एकाइरेन्थस एस्पैरा 

20 चौलाई                        एमेरेन्थस ब्लाइटम

21 बरू                            सोरघम हेलिपेन्स 

22 रूखडी                       स्ट्राइगा स्पीसीज 

23 प्याजी                      एस्फोडिलस टेनुईफोलियस

24 कांटेदार चौलाई            एमेरेन्थस स्पाइनोसस

25 जंगली चौलाई              एमेरेन्थस विरिडस 

26 सफेद सैजी                  मेलिलोटस‌ अल्बा

27 पीली सैजी                     मेलिलोटस इन्डिका

28 जंगली गोभी            लॉनिया एस्प्लेनिफोलिया

29 पत्थरचट्टा(साठा)       ट्रायन्थिमा मोनोगाइना 

30 आक                       केलोट्रोपिस जाइजेन्शिया 





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